इसकी कमी से पत्तियों का रंग पहले गहरा हरा, बाद में मध्य शिरा का भाग भूरा-बैंगनी हो जाता है, अन्य शिराएं पीली हो जाती हैं। टिंडे एक साथ नहीं खिलते। बिजाई के समय पोटाश डालें। नियंत्रण के उपाय - ओनली k - 5 ग्राम /लीटर पानी की दर से स्प्रे करें
पुरानी पत्तियों का हरापन कम हो जाता है। पत्तियों के शिराओं में रहे भूरे रंग की धारी बनती हैं, पत्ती का रंग लाल, चॉकलेट दिखता है। समयपूर्व पत्ती गिर जाती हैं। 0.5 फीसदी मैग्नीशियम सल्फेट का घोल बनाकर छिड़काव करें।
पत्तियों की आकृति विकृत हो जाती है, कलियां कम बनती है, फूल और बीज कम बनते हैं। फूलों में निषेचन की क्रिया बाधित हो जाती है क्योंकि परागण व परागनली के लिए बोरान आवश्यक तत्व है। अधपके फल व फलियां गिरने लगती हैं। नई कलियां बनना बंद हो जाती हैं, वृद्धि वाला भाग मुरझाने लगता है तथा डायबेक के कारण सूख जाता है।
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